Vishnu Bhagwan Ki Aarti Lyrics : यहाँ पर प्रसिद्ध और विश्व के सबसे लोकप्रिय भगवान विष्णु जी की आरती का लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में दिया गया हैं. इस आरती को आप भगवान विष्णुजी की पूजा आरती करते समय गा सकते हैं. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आरती करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं. और घर परिवार में सुख समृधि बनी रहती हैं.
भगवान् विष्णु को विश्व का पालनहार कहा जाता हैं. विष्णुजी की आराधना पूजा से माँ लक्ष्मीजी भी प्रसन्न होती हैं. जिससे घर परिवार से दरिद्रता दूर रहती हैं. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता हैं. इस दिन इनकी पूजा आरती करने से यह प्रसन्न होते हैं. और अपने भक्तों पर कृपा बनाएँ रखते हैं.
ॐ जय जगदीश हरे आरती
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
Vishnu Bhagwan Ki Aarti Lyrics in English
Om Jaye Jagdish Hare, Swami Jaye Jagdish Hare॥
Bhagt Jano Ke Sankat, Khshan Mein Door Kare॥
Jo Dhaywe Phal Pave, Dukh Vinse Man Ka॥
Sukh Sampati Ghar Aave, Kasht Mite Tan Ka॥
Maat-Pita Tum Mere, Sharan Gahun Kiskee॥
Tum Bin Aur Na Duja, Aas Karun Jiskee॥
Tum Puran Parmatma, Tum Antaryami॥
Par-Brahm Parmeshwar, Tum Sabke Swami॥
Tum Karuna Ke Saagar, Tum Palankarta॥
Main Moorakh Khal Kami, Mein Sewak Tum Swami,
Kripa Karo Bharta …
Tum Ho Ek Agochar, Sabke Pran Pati॥
Kis Vidhi Milun Dayamay, Tumko Main Kumti॥
Deenbandhu Dukh Harta, Thakur Tum Mere, Swami Rakshak Tum Mere॥
Apne Hath Uthaao, Apni Sharan Lagao,
Dwar Para Tere …
Vishay Vikaar Mitaao, Paap Haro Deva॥
Shradha Bhakti Badhaao, Santan Ki Sewa॥
Om Jaye Jagdish Hare, Swami Jaye Jagdish Hare॥
Bhagt Jano Ke Sankat, Khshan Mein Door Kare॥
FAQ
प्रश्न 01 – भगवान विष्णुजी के 24 अवतार कौन कौन से हैं?
विष्णुजी के 24 अवतारों में से 23 अवतार हो चुके हैं. 24 वा अवतार होना अभी बाकि हैं.
1 श्री सनकादि मुनि
2 वराह अवतार
3 नारद अवतार
4 नर-नारायण
5 कपिल मुनि
6 दत्तात्रेय अवतार
7 यज्ञ
8 भगवान ऋषभदेव
9 आदिराज पृथु
10 मत्स्य अवतार
11 कूर्म अवतार
12 भगवान धन्वन्तरि
13 मोहिनी अवतार
14 भगवान नृसिंह
15 वामन अवतार
16 हयग्रीव अवतार
17 श्रीहरि अवतार
18 परशुराम अवतार
19 महर्षि वेदव्यास
20 हंस अवतार
21 श्रीराम अवतार
22 श्रीकृष्ण अवतार
23 बुद्ध अवतार
24 कल्कि अवतार
प्रश्न 02 – विष्णुजी के कितने नाम हैं?
भगवान विष्णुजी के 108 नाम हैं.
प्रश्न 03 – विष्णुजी को कौन सा फल पसंद हैं?
भगवान विष्णुजी को केले का फल बेहद पसंद हैं.
प्रश्न 04 – विष्णुजी को क्या भोग लगाना चाहिए?
विष्णुजी के पूजा करते समय गुड़ और चने की दाल का भोग लगाना चाहिए.
प्रश्न 05 – भगवान विष्णुजी जी 4 महीने के लिए कब सोने चले जाते हैं?
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णुजी क्षीरसागर में 4 महीने के लिए सोने चले जाते हैं. इस दिन को देवशयनी एकादशी कहते हैं। फिर चार माह के बाद कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के एकादशी को सोने के बाद जागते हैं. इसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है।