North East West South in Hindi : दोस्तों इस पोस्ट में आज हमलोग East West North South Direction in Hindi and English को विस्तार से जानेगें. किसी भी स्थान को पता करने में हमे दिशा (Direction) बहुत ही मदद करता हैं.
दिशा (Direction) को तीन भागों में बाटा जाता हैं. (1) Cardinal (कार्डिनल) (2) Intercardinal और (3) Semi Intercardinal Directions.
(1) Cardinal Direction – East West North South Cardinal directions हैं. इन्ही दिशाओं पर बाकि सभी दिशा की आधारशिला रखी जाती हैं.
(2) Intercardinal Direction – जब दो Cardinal Direction को विभाजित करते हैं. तब एक Intercardinal Direction बनता हैं.
(3) Semi Intercardinal Directions – एक Cardinal और एक Intercardinal Direction को जब विभाजित करते हैं. तब एक Semi Intercardinal Directions बनता हैं. इसकी कुल संख्या 8 होती हैं.
North East West South in Hindi, दिशाओं के नाम
East West North South Direction in Hindi, दिशाओं का नाम हिंदी और अंग्रेजी में
S. No. | Direction name in English | Direction name in Hindi |
01 | North (नॉर्थ) | उत्तर |
02 | South (साउथ) | दक्षिण |
03 | East (ईस्ट) | पूर्व |
04 | West (वेस्ट) | पश्चिम |
05 | North East (नॉर्थ ईस्ट) | उत्तर पूर्व |
06 | South East (साउथ ईस्ट) | दक्षिण पूर्व |
07 | North West (नॉर्थ वेस्ट) | उत्तर पश्चिम |
08 | South West (साउथ वेस्ट) | दक्षिण पश्चिम |
09 | Northern (नॉर्थर्न) | उत्तरी |
10 | Southern (साउथर्न) | दक्षिणी |
11 | Eastern (ईस्टर्न) | पूर्वी |
12 | Western (वेस्टर्न) | पश्चिमी |
13 | Southerner (साउथर्नर) | दक्षिणवासी |
14 | Southern Most (साउथर्नमोस्ट) | सुदूर दक्षिणी |
15 | Up (अप) | ऊपर |
16 | Down (डाउन) | नीचे |
17 | Left (लेफ्ट) | बाएँ |
18 | Right (राइट) | दाएँ |
दिशाओं के नाम संस्कृत में
Hindi | Sanskrit |
पूरब | प्राची |
पश्चिम | प्रतीची |
उत्तर | उदीची |
दक्षिण | अवाची |
दक्षिणपूर्व | आग्नेयी |
दक्षिणपश्चिम | दक्षिणपश्चिम-नैर्ऋता |
पूर्वोत्तर | एशानी |
उत्रिपश्चिम | वायव्या |
East West North South in Hindi With Short Codes
S. No. | Directions Name | Short Code |
01 | East | E(पू.) |
02 | West | W(प.) |
03 | North | N(उ.) |
04 | South | S(द.) |
05 | North East | NE(उ. पू.) |
06 | South East | SE(द. पू.) |
07 | South West | SW(द. प.) |
08 | North West | NW(उ. प.) |
09 | Northern North East | NEN(उ. उ. पू.) |
10 | Eastern North East | NEE(पू. उ. पू.) |
11 | Eastern South East | SEE(द. द. पू.) |
12 | Southern South East | SSE(द. द. पू.) |
13 | Southern South West | SSW(द. द. पू.) |
14 | Western South West | WSW(प. द. प.) |
15 | Northern North West | NNE(उ. उ. पू) |
16 | Western North West | ENE(पू. उ. पू.) |
इंटरकार्डिनल दिशाएँ
- उत्तर-पूर्व (ईशान)
- दक्षिण-पूर्व (आग्नेय)
- दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य)
- उत्तर-पश्चिम (वायव्य)
मध्यवर्ती दिशा या द्वितीयक इंटरकार्डिनल दिशा
- पश्चिम-उत्तर पश्चिम (प. उ. प.)
- उत्तर-उत्तर पश्चिम (उ. उ. प.)
- उत्तर-उत्तर पूर्व (उ. उ. पू.)
- पूर्व-उत्तर पूर्व (पू. उ. पू.)
- पूर्व-दक्षिण पूर्व (पू. द. पू.)
- दक्षिण-दक्षिण पूर्व (द. द. पू.)
- दक्षिण-दक्षिण पश्चिम (द. द. प.)
- पश्चिम-दक्षिण पश्चिम (प. द. प.)
मुख्य चार दिशाओं के नाम एवं उनकी पहचान क्या हैं?
(1) पूर्व (East) – पूर्व दिशा में सूर्य का उदय होता हैं. इसे सूर्य का दिशा भी कहा जाता हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार इन्द्रदेव को पूर्व दिशा का देवता माना जाता हैं. शास्त्रों के अनुसार घर में पूर्व दिशा को पितृस्थान की द्योतक मानी जाती हैं.
(2) पश्चिम (West) – पश्चिम दिशा में सूर्य अस्त होता हैं. यह पूर्व दिशा के विपरीत और उत्तर दक्षिण के लंबवत होता है।
(3) उत्तर (North) – जिस दिशा में सूर्य नहीं जाता हैं. उस दिशा को उत्तर दिशा कहते हैं. इसे धन की दिशा भी कहा जाता हैं.
(4) दक्षिण (South) – सूर्य उदय होने के बाद जिस दिशा से पश्चिम की और जाता हैं. उसे दक्षिण दिशा कहा जाता हैं. हिंदू धर्म के अनुसार इस दिशा को यम देवता का स्थान माना जाता हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाओं का नाम
भारत में प्रचीन काल से ही दिशाओं का बहुत ही ज्यादा महत्व हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भवन का निर्माण कराते समय भवन में रसोई, भवन का द्वार, पानी का कुंड, नहाने धोने का स्थान किस स्थान पर होना चाहिए यह वास्तु शास्त्र के अनुसार ही बनाया जाता हैं. पौराणिक मान्यता हैं की दिशा अनुसार भवन का निर्माण कराने पर घर में सुख समृद्धि और हमेशा पॉजिटिव वातावरण बना रहता हैं.
- उत्तर-पूर्व (ईशान)
- दक्षिण-पूर्व (आग्नेय)
- दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य)
- उत्तर-पश्चिम (वायव्य)
Directions Name in Hindi with Their Angles
Cardinal Directions
- North-0°
- East-90°
- South-180°
- West-270°
Intercardinal Directions
- North-East-45°
- South-East-135°
- South-West-225°
- North-West-315°
Semi Intercardinal Directions
- Northern North East-22.5°
- Eastern North East-67.5°
- Eastern South East-112.5°
- Southern South East-157.5°
- Southern South West-202.5°
- Western Sout West-247.5°
- Western North West-292.5°
- Northern North East-337.5
FAQ
प्रश्न 01 – सभी दिशाओं का नाम क्या हैं?
मुख्य रूप से दिशा चार ही होती हैं – पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण बाकि इसी पर और सभी दिशाएं आधारित होती हैं.
प्रश्न 02 – हिन्दी में दिशा कितनी होती हैं?
हिंदी में 10 दिशाएं होती हैं – पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश, पाताल हैं।
प्रश्न 03 – साउथ को हिंदी में क्या कहते है?
दक्षिण
प्रश्न 04 – वेस्ट को हिंदी में क्या कहते है?
पश्चिम
प्रश्न 05 – ईस्ट को हिंदी में क्या कहते है?
पूर्व
प्रश्न 06 – नार्थ को हिंदी में क्या कहते है?
उत्तर
प्रश्न 07 – दिशाओं का पता कैसे लगाते हैं?
किसी भी दिशा को पता लगाने के लिए दिशा सूचक यंत्र का इस्तेमाल करते हैं. इससे इसी एक दिशा का पता चल जाता हैं. फिर इसी से बाकि सभी दिशाओं प् पता चल जाता हैं.
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